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Pehla Kalma Tayyab | Free PDF Download 2023

Pehla Kalma Tayyab

Pehla Kalma Tayyab

Bismillahir Rahmanir Raheem, Assalamu’alaikum Warahmatullahi Wabarakatuh, In this article I will provide you Pehla Kalma Tayyab in Hindi, English, Arabic, Urdu with Tarjuma.

आप content के नीचे दिए गए लिंक से पहला कलमा तय्यब PDF Download कर सकते हैं।

KalmaKalma Ka NaamKalma Ka Meaning
1. Pehla Kalmaतय्यबपाकी
2. Dusra Kalmaशहादतगवाही देना
3. Teesra Kalmaतमजीदबुजुरगी
4. Chautha Kalmaतौहीदअकेला
5. Panchwa Kalmaअस्तगफारतौबा करना
6. Chata Kalmaरददे कुफ्रविश्वासघात से पीछे हटना

No. of 6 Kalma Table

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Pehla Kalma in Hindi (पहला कलमा हिंदी में)

"ला इलाहा इल्लाहु मुहम्मदुर रसूलुल्लाह"

"La ilaha illahu mohammadur rasool allah"

Pehla Kalma Tayyab in Arabic (अरबी में पहला कलमा तय्यब)

لَآ اِلٰهَ اِلَّااللهُ مُحَمَّدٌ رَّسُولُ اللہِ

Pehla Kalma Tayyab in English

There is no worthy of Worship except ALLAH and Muhammad Sallallahu Alaihe Wasallam is the messenger of ALLAH.

Pehla Kalma Tayyab in Urdu (उर्दू में पहला कलमा तय्यब)

اللہ کے سوا کوئی معبود نہیں، محمد اللہ کے رسول ہیں۔

Pehla Kalma with Tarjuma (तर्जुमा के साथ पहला कलमा)

अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और हज़रत मुहम्मद ﷺ सलल्लाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह के आखिरी रसूल है।

“Allah Ke Siwa Koi Mabood Nahi Aur Hazarat Mohammad Sallallahu Alaihi Wasallam Allah Ke Akhiri Rasool Hai.”

पहला कलमा क्या है?

“पहला कलमा तय्यब” इस्लाम धर्म का मूल और महत्वपूर्ण घोषणा है। जिसे पढ़ने से पढ़ने वाला गवाही देता है की अल्लाह सुबान व ता’अला एक है और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अल्लाह के रसूल है। “पहला कलमा तय्यब” का मतलब होता है

“ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुर रसूलुल्लाह”

इसका अनुवाद होता है: “अल्लाह के सिवाय कोई माबूद नहीं, मुहम्मद उनके रसूल है।”

यह कलमा इस्लाम धर्म के मुख्य सिद्धांतों में से एक है और यह श्रद्धान की प्राथमिकता और विश्वास का प्रतीक होता है। इसके माध्यम से मुस्लिम व्यक्ति अपने ईमान को प्रकट करता है और अपने आदर्श धर्म की अनुसरण करता है।

पहला कलमा कैसे पढ़ा जाता है?

पहला कलमा पढ़ने के लिए कोई भी रोक नहीं है। जब भी आपका मन करे उसी वक़्त पढ़ सकते है। पहला कलमा तय्यब” को पढ़ना बहुत ही सरल और सुलभ है। निम्नलिखित हैं उसके उच्चारण और पढ़ने की प्रक्रिया:

उच्चारण: “ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुर रसूलुल्लाह”

अर्थ: “अल्लाह के सिवाय कोई माबूद नहीं, मुहम्मद उनके रसूल है।”

पढ़ने की प्रक्रिया:

  1. पहला कलमा पढ़ने के लिए सबसे पहले आपको एक शांत स्थान में बैठकर ध्यान केंद्रित करना होगा।
  2. अब आपको “ला इलाहा इल्लल्लाह” को तीन बार पढ़ना है, ध्यान देते हुए कि आप ठीक उच्चारण कर रहे हैं।
  3. इसके बाद “मुहम्मदुर रसूलुल्लाह” को एक बार पढ़ें।

इस प्रकार, आप पहला कलमा पढ़ सकते हैं और इसकी महत्वपूर्ण भावना को महसूस कर सकते हैं। यदि आप इसे सीखना चाहते हैं, तो एक माउलवी या आलिम से मार्गदर्शन प्राप्त करना भी उपयुक्त हो सकता है।

पहला कलमा पढ़ने के फायदे

“पहला कलमा” को पढ़ने के कई आध्यात्मिक और मानवीय फायदे होते हैं। निम्नलिखित हैं कुछ महत्वपूर्ण फायदे:

  1. आध्यात्मिक संवाद: “पहला कलमा” का पढ़ना आध्यात्मिक संवाद को मजबूत करता है, आपको अल्लाह के साथ संवाद करने में मदद करता है।
  2. ईमान की मजबूती: इसके पठन से आपके ईमान की मजबूती होती है, आप अपने दिल में अल्लाह के प्रति आपकी श्रद्धा को अद्वितीय बनाने में सफल होते हैं।
  3. आंतरिक शांति: “पहला कलमा” का उच्चारण करने से आपकी आंतरिक शांति बढ़ती है, आप मानसिक तनाव से मुक्त होते हैं।
  4. दैनिक जीवन में सुख: यह कलमा पढ़ने से आपके दैनिक जीवन में सुख और समृद्धि की अधिक संभावना होती है, आपकी सोच और क्रियाएं सकारात्मक दिशा में बदलती हैं।
  5. दूसरों के साथ सहयोग: इसके उच्चारण से आपका सामाजिक सहयोग और सहयोग बढ़ता है, आपका मानवता के प्रति सहानुभूति और समर्पण बढ़ता है।
  6. समय की मान्यता: “पहला कलमा” को पढ़कर आप अपने जीवन को अच्छे दिशा में आगे बढ़ने के लिए समय की महत्वपूर्णता को समझते हैं।
  7. आध्यात्मिक उत्थान: यह कलमा पढ़ने से आपका आध्यात्मिक उत्थान होता है, आप अपने आत्मा को और अधिक प्रकट करने में सक्षम होते हैं।
  8. सद्गति की प्राप्ति: इसके पाठन से आपको सद्गति की प्राप्ति होती है, आप अपने जीवन की मार्गदर्शन के लिए एक नेतृत्व और मार्गदर्शक बनते हैं।

इस प्रकार, “पहला कलमा” को पढ़ने से आपके आत्मा, मानवता के प्रति सहानुभूति, और आध्यात्मिक विकास में वृद्धि होती है।

आप नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके 1 to 6th Kalma को Download कर सकते हैं और नीचे फ़ाइल विवरण भी देख सकते हैं

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पहला कलमा कैसे पढ़ा जाता है?

हमारे और आपके नबी ﷺ सलल्लाहो अलैहि वसल्लम ने पहला कलमा (Pehla Kalma In Hindi) को पढ़ने का सही तरीका यह बताया है की Pehla Kalma Tayyab को बा वजू होकर से पढ़ने से अल्लाह तालह इसे कुबूल करते है


सबसे महत्वपूर्ण कलमा क्या है?

पहला कलमा; कलमा तैयबा , किसी भी मुसलमान के लिए सच्चा आस्तिक होने की बुनियादी आवश्यकता है।


इस्लाम में कितने कलिमा हैं?

इस्लाम में कुल मिलाकर छह कलिमे (शहादत) होते हैं। ये छह कलिमे इस्लामी विश्वासों के मौलिक सिद्धांत होते हैं और मुसलमानों की श्रद्धा के आधार बनते हैं।

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